२०८२ मंसिर ९ गते, मंगलवार १७:४९

विवाह पञ्चमी

विवाह पञ्चमी

मैयाँ सीता की जन्म भूमि,
पावन औसर पर सोह्र श्रृंगार भईल बा,
मिट्टीया से निकल विटीया के बतवा,
मैया जानकी की नगरी में फूली झन्कार भईल बा |

जनकपुर धाम के गलि-गलियन,
मखमली फुलवा के सेज बिछाइल बा,
मंदिर-अंगाना पर दीपक दहकल,
भजन- कृतन में सुरवा खिलाइल बा।

मिथिला दरबार में मंगल गूँजत,
सखी-संग नाच गावल जात बा,
सिया-राम के वरमाला तैयार,
दुआर-अंगना आनंद बसरात भईल बा।

चौक-चरिया में रंगोली सजल,
हर रंग में जनकपुर महक उथल बा,
मिठाई-लड्डू से भइल थाली भरल,
मिथिला के रसवा-मखान घुलल बा।

अइसन रसमय, सुगंधित समैया,
जहवाँ स्वयम् धरती धन्य भइल बा,
विवाह-पञ्चमी के पावन परबिया पर,
सीता-राम के मिलन अमर भइल बा।

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